स्वाभिमानी - 4

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इस घटना को बीते बारह साल गुजर गये। रूस का हरेक आदमी जानता है और बराबर याद रखेगा कि सन् 1849 और 1861 के सालों के बीच रूस पर क्‍या-क्‍या बीती। मेरे व्यक्तिगत जीवन में भी बहुत से परिवर्तन हो गये, पर उनके संबंध में अब विशेष कुछ कहने की आवश्‍यकता नहीं। जीवन में बहुत सी नई बातें और नई चिंताएं आ गई। बैबूरिन ओर उसकी पत्‍नी उस समय मेरे विचार-क्षेत्र से अलग हो गये। बाद में तो मैं उन्‍हें बिल्‍कुल ही भूल गया। फिर भी बहुत दिनों के अंतर पर कभी कभी मेरा मानसी से पत्र व्‍यवहार हो जाया करता था। कभी-कभी एक-एक वर्ष से भी अधिक समय व्‍यतीत हो जाता, और मुझे मानसी या उसके पति का कोई समाचार नहीं मिलता था।