गोरा - 4

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परेशबाबू के घर से निकलकर विनय और गोरा सड़क पर आ गए तो विनय ने कहा, 'गोरा, ज़रा धीरे-धीरे चलो भई.... तुम्हारी टाँगे बहुत लंबी हैं,इन पर कुछ अंकुश नहीं रखोगे तो तुम्हारे साथ चलने में मेरा दम फूल जाएगा।!' गोरा ने कहा, 'मैं अकेला ही चलना चाहता हूँ- मुझे आज बहुत-कुछ सोचना है।' यह कहता हुआ वह अपनी स्वाभावि‍क तेज़ चाल से आगे बढ़ गया।