पोर्च की छत जो कि ऊपर की मंजिल का बरामदा था, उस पर सफेद कपड़े से ढँकी मेज़ के आस-पास कुर्सियाँ लगी हुई थीं। मुँडरे के बाहर कार्निस पर छोटे-छोटे गमलों में सदाचार और दूसरे किस्म के फूलों के पौधे लगे हुए थे। मुँडेर पर से नीचे सड़क के किनारे के सिरिस और कृष्णचूड़ा के पेड़ों के पत्ते बरसात से धुलकर चिकने दीख रहे थे।