आजाद-कथा - खंड 2 - 90

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नेपाल की तराई में रिसायत खैरीगढ़ के पास एक लक व दक जंगल है। वहाँ कई शिकारी शेर का शिकार करने के लिए आए हुए हें। एक हाथी पर दो नौजवान बैठे हुए हैं। एक का सिन बीस-बाईस बरस का है, दूसरे का मुश्किल से अट्ठारह का। एक का नाम है वजाहत अली, दूसरे का माशूक हुसैन। वजाहत अली दोहरे बदन का मजबूत आदमी है। माशूक हुसैन दुबला-पतला छरहरा आदमी है। उसकी शक्ल-सूरत और चाल-ढाल से ऐसा मालूम होता है कि अगर इसे जनाने कपड़े पहना दिए जायँ, तो बिलकुल औरत मालूम हो। पीछे-पीछे छह हाथी और आते थे। जंगल में पहुँच कर लोगों ने हाथी रोक लिए ताकि शेर का हाल दरियाफ्त कर लिया जाय कि कहाँ है।