तब जेनी फूटकर रोने लगी , और रोते हुए राज से लिपट गई , राज का कंधा अपने मोहब्बत के आंसुओं से भिगोते हुए कहने लगी , मैंने प्यार किया है तुम्हे ! तुम भूल सकते हो लेकिन मैं नही भूल सकती क्या तुम्हें मेरी बिल्कुल भी याद नही आई मैंने तो तुमसे पता पूछा था , लेकिन तुमने तो पता बताना भी जरूरी नही समझा । क्या वे वादे जो हमने एक दूसरे से किये थे ! सब झूठे थे उसकी आंखें जैसे दरिया हो गईं थीं , जिनमें से जल की धारा लगातार बहे जा रही थी । ऐसा लग रहा था कि ए आँशू विरह की अग्नि को शांत करने का भरकस प्रय