जब ज़ुबेदा की शादी हुई तो उस की उम्र पच्चीस बरस की थी। इस के माँ बाप तो ये चाहते थे कि सत्तरह बरस के होते ही उस का ब्याह हो जाये मगर कोई मुनासिब-ओ-मौज़ूं रिश्ता मिलता ही नहीं था। अगर किसी जगह बात तै होने पाती तो कोई ऐसी मुश्किल पैदा हो जाती कि रिश्ता अमली सूरत इख़्तियार न कर सकता।