रात के दस बजे थे दोनों महिलाओं में बातें होने लगीं २० हजार की बात थी! राय साहब की पत्नी तो इतनी खुश हुई की उसी वक्त राय साहब के पास दीदी हुई आयी और कहने लगी ले लो, ले लो राय साहब ने कहा इतनी बेसब्र न हो वह तुम्हें अपने दिल में क्या समझेंगी? कुछ अपनी इज्जत का भी ख्याल है या नहीं? माना की रकम बड़ी है और इससे मैं एक बार की तुम्हारी आये दिन की फरमायशों से मुक्त हो जाऊँगा, लेकिन एक सिविलियन की इज्जत भी तो कोई मामूली चीज नहीं है तुम्हें पहेले बिगड़ कर कहना चाहिये था की.....