मेरा यह व्यंग्य उन प्रपंची लोगों पर कटाक्ष है, जो इधर की बात उधर करते हैं. गॉसिप मास्टर होते हैं. और पीठ पीछे दूसरों की बुराइयाँ करने में ही आनंद महसूस करते हैं. यह व्यंग्य आपका मनोरंजन तो करेगा ही, आपको बहुत कुछ सोचने के लिए बाध्य भी करेगा.