इस खत को अक्षयकुमार ने दुबारा पढ़ा उन्हों ने कभी ये दावा नहीं किया था की वो संत है, परन्तु ऐसे मोकों पर तो संत भी फ़िसल जाते हैं उन्हें जैसे की नशा सा छाने लगा हो ऐसा महसूस होने लगा और वो...