वैसे तो यह मजाक मजाक में कहा जाता है कि इस देश में और कुछ चले न चले जुगाड़ खूब चलता है. पर है यह एक वास्तविकता ही. मेरा यह व्यंग्य, जुगाड़ संस्कृति की इस मानसिकता पर एक करारा तंज़ है.