मेरा यह व्यंग्य समाज में फैले बाबावाद पर मात्र तीखी टिप्पणी ही नहीं करता, वरन यह आपको बाबाओं के चंगुल से बचने की शिक्षा भी देता है. यह एक ज़रूरी व्यंग्य है.