जिले में उस वर्ष का कृषि पंडित चुनने की प्रक्रिया चल रही थी जिसमे गोमती का नाम सर्वोपरि था, गोमती को कृषि पंडित की उपाधि प्रदान करने के लिए जिलाधीश महोदय ने एक कार्यक्रम रखा, जिसमे पूरे जिले के किसान सम्मिलित हुए।