यह कहानी एक माध्यम वर्गीय परिवार के उस व्यक्ति से सम्बंधित है जो अपने पड़ोस में होने वाले नकारात्मक परिवर्तन को से बहुत व्यथित है किन्तु लगातार कई दिनों तक अपने पडोसी को न पाकर उसे चिंता होती है और वह उसे ढूँढने निकल पड़ता है