अब्जी डूडू “मुझे मत सताईए....... ख़ुदा की क़सम, मैं आप से कहती हूँ, मुझे मत सताईए” “तुम बहुत ज़ुल्म कर रही हो आजकल!” “जी हाँ बहुत ज़ुल्म कर रही हूँ” “ये तो कोई जवाब नहीं” “मेरी तरफ़ से साफ़ जवाब है और ये मैं आप से कई दफ़ा कह चुकी हूँ” “आज मैं कुछ नहीं सुनूंगा” “मुझे मत सताईए। ख़ुदा की क़सम, मैं आप से सच्च कहती हूँ, मुझे मत सताईए मैं चिल्लाना शुरू कर दूँगी।” “आहिस्ता बोलो। बच्चियां जाग पड़ेंगी” “आप तो बच्चियों के ढेर लगाना चाहते हैं।” “तुम हमेशा मुझे यही ताना देती हो।” “आप को कुछ ख़्याल