भारतीय फिल्म जगत के संस्थापक का नाम था धुंदीराज गोविंद फाल्के। जिन्हें हम सब दादा साहेब फाल्के के नाम से जानते हैं। इनका जन्म 30 अप्रैल 1870 में महाराष्ट्र के नाशिक शहर से लगभग 20-25 किमी की दूरी पर स्थित बाबा भोलेनाथ की नगरी त्र्यंबकेश्वर में हुआ था। फाल्के दृढ़ संकल्प वाले व्यक्ति थे। जो ठान लेते थे उसे पूरा करने में पूरी शक्ति लगा देते थे। फिल्म निर्माण के लिए भी उनके भीतर ऐसा ही जुनून था। पहली फ़ीचर फिल्म राजा हरीश्चंद्र बनाने के लिए फाल्के को बड़ा संघर्ष था। पैसों की समस्या हल करने के लिए इनकी पत्नी सरस्वती बाई ने अपने गहने गिरवी रख दिए। इसके पश्चात सत्यवान सावित्री (1914), लंका दहन (1917), श्री कृष्ण जन्म (1918), कालिया मर्दन (1919), कंस वध (1920), शकुंतला (1920), संत तुकाराम (1921) और भक्त गोरा (1923) लगभग 100 फिल्में बनाईं।