आज के दौर में एक कामकाजी स्त्री व उसकी बेटी के एक दिन की संवेदना की कहानी। कामकाजी स्त्रियों व उनके बच्चों को किस तरह के उतार चढ़ाव से गुजरना पड़ता है ।कौन कौन सी तकलीफें आती हैं ।उनसे लड़ कर वे कैसे मजबूत बनते हैं ।इन बिंदुओं पर केंद्रित कहानी।