रामकुमार जी के मन में विगत 12 वर्षों की अनवरत समय बद्ध सेवा का दृश्य घूम गया। कोई सोच भी नहीं सकता है कि अध्यापक रामकुमार को विद्यालय देर से आने के लिए दंडित किया जाएगा। इतने वर्षों की निष्कलंक सेवा का मूल्यांकन 10 मिनट की देरी से किया जाएगा। विद्यालय की ओर बढ़ रहे मास्टर साहब के कदमों की गति मन्द पड़ गयी ।