ज़िंदगी में ऊंच - नीच तो चलती रहती है पर रक्त चाप ऊँचा या नीचा हो जाये तो डॉक्टर की सलाह पर ज़िंदगी को चलाना पड़ता है। रक्त चाप ऊँचा हो जाये तो सादा जीवन उच्च विचार को अपनाना पड़ता है। जिंदगी में नमक काम हो जाता है पर उसे चोरी छुपे खाने का नीच विचार बढ़ने लगता है। बहुत कुछ होता है उच्च रक्त चाप ग्रस्त बेचारे मानव के जीवन में ,