Teen Karod Ka Chooha !

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अगर देश-दुनिया में भ्रष्टाचार नहीं होता, तो विकास नहीं होता। भ्रष्टाचार के बल पर ही आज दुनिया जगमगा रही है। कोई माने या न माने..लेकिन अजंता, एलोरा से लेकर ताजमहल तक के निर्माण में उत्कोच (रिश्वत..भ्रष्टाचार) की भूमिका जरूर रही होगी। बस, छानबीन करने की जरूरत है। लेकिन जब कोई अधिकारी किसी भ्रष्टाचार की जांच करने जाता है, तो भ्रष्टाचारी कैसे-कैसे तर्क और तथ्य पेश करते हैं। इसकी एक बानगी पेश करता है हास्य व्यंग्य 'तीन करोड़ का चूहा।Ó एक चूहा सरकारी अनाज के गोदाम में हुए भ्रष्टाचार की पोल पट्टी खोलता है। मैं तो कहता हूं कि आप झटपट पढ़ ही डालिए यह व्यंग्य।