मेरा नाम श्रुति मेहरोत्रा है। जब मैं कक्षा 4 में थी तब से ही मुझे पुस्तक पढ़ना बहुत अच्छा लगने लगा और आज मैंने अपनी खुद की पुस्तक लिखीं हैं। मुझे पुस्तक में रुचि दिलाने वालीं मेरी मां हैं।