यह सकारात्मकता के प्रतीक श्री गिरीश गोगिआ की सच्ची प्रेरणादाई कहानी है। गिरीश गोगिआ भी ऐसे ही एक जिंदादिल शख्स हैं. वह Paralysis of Cervical cord के शिकार हैं. यह उस स्थिति को कहते हैं जहाँ रीढ़ की हड्डी के क्षतिग्रस्त हो जाने के कारण गर्दन के नीचे के हिस्से में कोई भी चेतना नही रह जाती है। लेकिन वह दूसरों को जिंदादिली से जीने का संदेश देते हैं।