(श्री कृष्ण काव्य-कथा जन्म-खंड- भाग – १ से क्रमगत ) श्री कृष्ण ऐसा व्यक्तित्व है जिसे जानना और समझना तो हर कोई चाहता है, पर इतिहास से लेकर आज तक, पूर्ण रूप से न तो कोई इसे जान पाया है और शायद ही कोई इसे भविष्य में भी समझ पाए श्री कृष्ण के व्यक्तित्व से, जन्म के पूर्व की परीस्थितियों से लेकर, जन्म होने तक एवं, उसके उपरांत सम्पूर्ण जीवनकाल में घटित विभिन्न परीस्थितियां में विभिन्न लीलाओं के माध्यम से कई सन्देश एवं उपदेश मिलते है जो की उनके व्यक्तित्व को रोचक बनाने के साथ, अदिव्तीय भी बनाते है इन्ही लीलाओ के माध्यम से दिए गए विभिन्न संदेशो को इस ‘कृष्ण काव्य कथा’ में उनके जीवन काल की कहानी को काव्य रूप में दिखाने का प्रयास किया गया है