मुझे ये भी लगा कि, अब ज्यादा भाव खाने से बात बिगडनी शुरू हो जायेगी मेरी स्तिथि यूँ थी कि ग्राहक को भाव पसंद न आये तो खिसकने की तैय्यारी कर लेता है तब दूकानवाले को उन्हें उनकी शर्तों पर रोकना पड़ता है