मेरे हमदम

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मोहब्बत के कितने ही रंग होते है पहली मोहब्बत जिंदगी की पहली बाहर के समान होती है इसकी खुशबू कभी फीकी नही पड़ती अपनी कविताओं के माध्यम से मैने इन्ही एहसासों को पिरोने की कोशिश की है