मैंने कहा भाई गनपत ,साफ-साफ कहो ,पहेलियाँ मत बुझाओ वैसे पिछले महीने भर से इलेक्शन वाली पहेलियाँ बुझा-बुझा के आपने हमारा दिमाग खाली कर लिया है सीधे-सीधे बताओ तो सही बात क्या है,जहाँ आप हमारी दखल चाहते हैं