किशोर अवस्था में सपने कोंपलों की तरह फूटते हैं। इस उम्र में की गयी छोटी-सी शरारत कब प्रेम का अंकुर हृदय में रोंप देगी, कोई नहीं जानता। यह कहानी कुछ ऐसे खिलंदड़े किशोरों की है जो स्कूल की कक्षाओं से गायब रहकर पूरे दिन मटरगस्ती करते और शाम को सही-सलामत घर पहुँच जाते थे। लेकिन एक दिन एक किशोरी से किया हुआ मजाक उनमें से एक अस्सुनी के हृदय में प्रेम का बीज बो गया। किशोर पात्रों के बीच चुहलबाजी इसमें ऐसी है कि आप कहानी को अन्त तक पढ़ने से रोक नहीं पाएँगे और हृदय में एक टीस भी अवश्य महसूस करेंगे।