पूर्णिमा ने देखा कि तेज धारा में बहती हुई लकड़ी कुछ दूर तक तो जलती रही, फिर पानी में डूब कर अदृशय हो गयी। सक्षम डूब गया, सक्षम डूब गया इस तरह चिल्ला कर वह गंगा में कूदने की कोशिश करने लगी लेकिन सक्षम के दोस्तों ने उसे कस कर पकड़ लिया।