अष्टावक्र

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वर्तमान समय में भी हमारा सारा ध्यान बाहरी प्रगति पर ही है। आज हम बाहरी दिखावे पर अधिक ध्यान देते हैं। बहुत से लोग अपने शरीर की बनावट या रूप को लेकर परेशान रहते हैं। कई लोग तो अवसाद का शिकार भी हो जाते हैं। अष्टावक्र की कथा उन्हें संदेश देती है कि यदि आप अपने गुणों का विकास करें तो शारीरिक कमियों के बावजूद भी सम्मान पा सकते हैं।