जव्लंत सामाजिक परिदर्श्य जागरूकता के लिए छोटा सा प्रयास करके तीन कविताएँ संकलित की गयी है १. दिया और बाती (लिंग आधारित भेदभाव सोच पर आधारित) २. लाठी (एक सहारा -एक प्रहार ) (सहारे की लाठी बेटे -बहु के बुढ़ापे पर हो रहे प्रहार पर एक नजर ) ३. दीपावली (किस तरह दीपावली अपनी मोलिकता खोती जा रही है को समझाने का एक छोटा सा प्रयास )