सत्यकाम जबाला

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सत्यकाम एक दासी का पुत्र था।सत्यकाम की कथा इस बात का उदाहरण है कि एक स्त्री जो यह भी नहीं जानती थी कि उसके पुत्र का पिता कौन है, उसकी संतान को महान महर्षि द्वारा अपनाया गया। उसकी संतान के लिए आचार्य ने गुरुकुल की सदियों पुरानी रीति को बदला और उसे स्वयं ब्रह्मचारी का गोत्र दिया।