मनोवैज्ञानिक तथ्य पर आधारित यह कहानी एक सत्य कथा है पात्रों व घटनाओं का कहानीकरण जरूर किया गया है साथ ही यह कहानी हमारी भारतीय परम्पराओं पर भी एक प्रहार है यह कहानी लगभग हर आम भारतीय पुरुष की कहानी है