समाज के मुद्दों पर कुछ व्यंग्य --जो सोचने पर मजबूर करने के साथ साथ गुदगुदाते भी हैं । जीवन की साधारण सी बातों ,घटनाओं को देखने का नया नजरिया देता है व्यंग्य ।ये व्यंग्य कुछ चुभता है ,कुछ कुरेदता है ।पढ़िए और सोचिए ।