कभी कभी हम ऐसे कदम उठा लेते हैं कि हमें जीवनभर पछताना पड़ता है. हम वो कर बैठते जिसकी जरूरत होती ही नहीं है. और जब तक हमें होश आता है हम बहुत कुछ बिगाड़ चुके होते हैं. फिर हमारे वश में कुछ भी नहीं होता.