उसे लगा जैसे कैनवास आइना बन गया हो और उसी के ह्रदय की कुरूपता दर्शा रहा हो। अपना यह रूप उससे देखा नही जा रहा था। उसकी धमनियों में रक्त तेज़ी से बहने लगा। वह मूर्क्षित होकर गिर गया।