पापा कि गुड़िया

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अगले दिन जब मैं शहर वापस आ रहा था, तो मैं शांत और गहरे सोच में दुबा था, क्योंकि गुड़िया कि शादी और दहेज को लेकर हि तरह-तरह के ख्याल मन मे आ रहे थे। हम कहते हैं कि हमारा देश बदल रहा, आगे बढ़ रहा हैं, आजकल लड़कियां लड़कों से कम नहीं हैं, शिक्षा का स्तर तेजी से आगे बढ़ रहा हैं, और दुसरी तरफ