पराभव - भाग 14

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पराभव मधुदीप भाग - चौदह दो मास बाद जब मनोरमा ने अपनी सास को बताया कि वह गर्भवती है तो सुनकर उसे ऐसा लगा जैसे किसी ने आसमान से चाँद तोड़कर उसकी झोली में डाल दिया हो | छह वर्ष बाद आखिर भगवान ने उसकी प्रार्थना सुन ली थी | खुशी के कारण उसके चेहरे की झुर्रियाँ और भी अधिक गहरी हो गई | "क्या सच कह रही है बहू तू?" अपनी खुशी को दबाते हुए वह पूछ उठी | "हाँ माँजी |" मनोरमा सिर्फ इतना ही कह सकी | "है प्रभु! आखिर तुमने मेरी सुन ही ली |" कहते