रंगीन टी.वी.

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बृजेश जैसे मौका देख रहा था। फ़ौरन बोला अरे इसके घर तो ब्लैक एंड वाइट टी.वी. भी नहीं है। ये क्या खरीदेगा। यह कह कर वह ज़ोर ज़ोर से हंसने लगा। और कई स्वर भी उसके साथ जुड़ गए। गगन का स्वर सबसे ऊंचा था। यूँ लगा जैसे टी.वी. न होने से मेरा कोई वजूद ही नहीं है। उनकी हंसी नश्तर कि तरह कलेजा चीर गयी। मैं बिना कुछ बोले वहाँ से चला आया।