प्रकाश की हालत काफी नाजुक थी डॉक्टरों ने जवाब दे दिया , बोले बचने के बहुत कम चांस है । सौम्या पूरी तरह टूट चुकी थी जिस पिता पर उसे इतना भरोसा था वही उसके प्यार का दुश्मन बन गया । उसने तय कर लिया अगर प्रकाश नही रहेगा तो वह जी कर क्या करेगी । कुछ समय बाद प्रकाश के घरवाले भी आ गए । प्रकाश के परिवार वालों का दुःख उससे देखा न जा रहा था । इसलिए वह अपने घर चली आई । घर पहुँच कर किसी कुछ कहे बगैर ही खुद को अपने कमरे में बंद कर लिया । उसकी माँ ने समझा बेचारी परेशान है इस वक़्त कुछ बोलना ठीक न होगा । अगली सुबह जब वह कमरे से बाहर नही आई तो उसके घरवालों को चिंता हुई । उसकी माँ ने सोचा खुद जाकर उसे बुला लाती हूँ । जब उसकी माँ काफी देर तक कोशिस करने के बाद भी दरवाजा नही खुला , नही कोई आहट मिली तो वह डर गई । उसके पापा को बुलाया तब उन्होंने दरवाजा तोड़कर अंदर जाते हैं । अंदर का दृश्य देखकर उसकी माँ तो बेशुध होकर गिर पड़ती है । सौम्या बिस्तर पर पड़ी आखरी साँसे भर रही थी ।