पराभव मधुदीप भाग - सात दोपहर के दो बजे थे | मनोरमा घर के कार्य से निबटकर अन्दर के कमरे में बैठी सिलाई कर रही थी | उसकी सास बाहर के कमरे में बैठी किसी से बातें कर रही थी | उन दोनों की आवाज मनोरमा तक भी पहुँच रही थी मगर दुसरे व्यक्ति की आवाज से वह परिचित न थी | थोड़ी देर के बाद सास ने मनोरमा को आवाज दी तो वह सिलाई का काम छोड़कर बाहर की ओर चल दी | मनोरमा ने बाहर के कमरे में आकर देखा | उसकी सास एक भगवा वस्त्रधारी साधू से