अचानक ताहिरा को महसूस हुआ जैसे फूफी उसे ही देखे जा रही है, वह हडबडा उठी वेटर चाय-नाश्ता ले आया था रन्नी भी तैयार थी, जल्दी-जल्दी सैंडविच खाई और चाय पीकर उठ गई – “हम चलते हैं ताहिरा, तुम्हारे लिए मोती का पूरा सेट लाना है न? या मोती ही वजन कराके ले आउ, घर लौटकर बनवा लेना मनपसंद सेट?” “अब जैसा आप ठीक समझे, मुझे कुछ खास तजुर्बा नहीं है इन बातों का पर फूफी अपने लिए भी मोती का कुछ लाना, यूँ ही मत चली जाना सबके लिए खरीदकर ” रन्नी ने लाड से ताहिरा के माथे को चूम लिया और मन ही मन...