तुमने कभी प्यार किया था, यह सुनकर वह अचानक अनुभूतियों में डूब गयी। कुछ देर सोचने के बाद वह बोली हाँ। पहाड़ियों पर बसा कालेज था, एक राजकुमार सा लड़का था। जुलाई का महिना और खूब वर्षा होती थी। हम सब एक ढलान पर बने छज्जे पर इकट्ठा थे और उसे परिषद का उपाध्क्ष चुना गया था। वह अपने भाषण में अच्छी-अच्छी बातें कह रहा था।