वो अकेली लडकी और रात

(85)
  • 23.9k
  • 10
  • 4.8k

सब की नज़रों के खोफ से वो कुछ और अपने अंदर सिमट गई। ट्रेन हल्की हल्की सीटी दे कर अपनी पूरी रफ्तार पकड़ चुकी थी। अब ट्रैन से नीचे उतरना ना मुमकिन था -Khushi Saifi