मैं प्रभुनाथ की बगीची से पैदल पैदल वापस लौट रहा था. मैंने वहां करीब ढाई घंटे बिताये थे. यहाँ ...
' हबीब चिक वाला ' सामने बोर्ड देख कर अनीस ने रिक्शा रुकवा लिया.उस कस्बे में सुबह बस अंगडाई ले ...
उस समय रात के डेढ़ बज रहे थे... कमरे की लाईट अचानक जली और रौशनी का एक टुकड़ा खिड़की से ...
वह युवक, जो अपने बूढे माता पिता को लेकर शताब्दी एक्सप्रेस के चेयर कार कोच में तीर्थयात्रा के लिए ...
अगर किसी दहब वह बस ज़मीन पर न चल रही होती तो हवाई जहाज़ की कहलाती. बात एरोफ्लोट क्लब ...
शाम तीन बज कर बीस मिनट हो ही रहे है की गली में खडंजे वाले रास्ते पर ...
करीब चालीस मिनट बीतने को आये थे. वह घायल लड़का अस्पताल के बराम्दे में एक नंगे बेड पर ...
शहर की सड़क से मीलों दूर, खेत खेत और पगडण्डी पगडण्डी भीतर पहुंचते उस ठेठ गांव में अगर कोई ...
प्लांटरूम के बगल वाले कॉरिडोर से जाने वाली लिफ्ट सीधे दूसरे तल पर रूकती है और वहीँ ठीक सामने ...
सुबह अखबार आते थे तो उनमें रंग बिरंगे, छोटे बड़े पैम्फलेट्स निकलते और बच्चे उन्हें लूटने के लिये झपट ...