यह कहानी भारत के विभिन्न गांवों और मंदिरों की विशेषताओं के बारे में है। 1. **मावल्यान्नॉंग**: यह गांव मेघालय में स्थित है और इसे "भगवान का बगीचा" कहा जाता है। यह गांव सफाई और साक्षरता में अव्वल है, जहां लोग घरेलू कूड़े को खाद के रूप में उपयोग करते हैं। यहां 195 परिवार रहते हैं और सुपारी की खेती मुख्य आजीविका है। 2. **जाटखेड़ा**: मध्यप्रदेश के इस गांव में पार्वती माता का मंदिर है, जहां महिलाओं को मंदिर की सीढ़ियों पर चढ़ने की अनुमति नहीं है। यहां लाल रंग की चुनरी चढ़ाने पर भी रोक है, और महिलाएं केवल बाहर से ही दर्शन कर सकती हैं। 3. **जरिया महादेव मंदिर**: राजकोट के पास स्थित इस मंदिर में 24 घंटे पानी निकलता है, जबकि आसपास कोई जल स्रोत नहीं है। यह पानी महादेव पर जलाभिषेक के लिए उपयोग किया जाता है और इसका रहस्य आज भी अनसुलझा है। 4. **मलूटी**: झारखंड के इस गांव में 108 प्राचीन मंदिर हैं, जिनमें से अब 72 ही बचे हैं। इन मंदिरों की दीवारों पर रामायण और महाभारत के दृश्यों का चित्रण है। इसे "गुप्त काशी" भी कहा जाता है, लेकिन यहां के मंदिरों के रखरखाव की कमी है। इन गांवों की विशेषताएँ उनके धार्मिक और सांस्कृतिक महत्व को दर्शाती हैं। अजब-गजब हिन्दुस्तान by Anami Sharan Babal in Hindi Short Stories 2.1k 2.2k Downloads 10.3k Views Writen by Anami Sharan Babal Category Short Stories Read Full Story Download on Mobile Description स्वच्छ भारत मुहिम के बावजूद सफाई के मामले में हम अभी बहुत पीछे है, लेकिन हमारे देश में एक ऐसा भी गांव है जो शायद सबसे साफ़ सुथरा गांव है। इस गांव को भगवान का अपना बगीचा कहा जाता है। यह गांव है मेघालय के शिलॉंग और भारत-बांग्लादेश बॉर्डर से 90 किलोमीटर दूर हिल्स डिस्ट्रिक्ट में मावल्यान्नॉंग है। यह खासी जनजातियों का गांव है। सफाई के साथ ही यह गांव साक्षरता में भी अव्वल है। यहां केवल पर 195 परिवार रहते है। इनकी आजीविका का मुख्य साधन पान के साथ खाने वाले सुपारी का उत्पादन है। गांव के चारो तरफ सैकड़ों बाग हैं, जिसके सुपारी लगा है। हरियाली के बीच यहां लोग घरेलू कूड़े-कचरे को भी बांस के डस्टबिन में जमा करके खाद की तरह इस्तेमाल किया जाता है। कूडे के सार्थक उपयोग के चलते .चारो तरफ सफाई और हरियाली है। पूरा गांव एक साफ मंदिर सा प्रतीत होता है, जिससे आस पास के लोग इस गांव को भगवान का बगीचा मानते है।. More Likes This यादो की सहेलगाह - रंजन कुमार देसाई (1) by Ramesh Desai मां... हमारे अस्तित्व की पहचान - 3 by Soni shakya शनिवार की शपथ by Dhaval Chauhan बड़े बॉस की बिदाई by Devendra Kumar Age Doesn't Matter in Love - 23 by Rubina Bagawan ब्रह्मचर्य की अग्निपरीक्षा - 1 by Bikash parajuli Trupti - 1 by sach tar More Interesting Options Hindi Short Stories Hindi Spiritual Stories Hindi Fiction Stories Hindi Motivational Stories Hindi Classic Stories Hindi Children Stories Hindi Comedy stories Hindi Magazine Hindi Poems Hindi Travel stories Hindi Women Focused Hindi Drama Hindi Love Stories Hindi Detective stories Hindi Moral Stories Hindi Adventure Stories Hindi Human Science Hindi Philosophy Hindi Health Hindi Biography Hindi Cooking Recipe Hindi Letter Hindi Horror Stories Hindi Film Reviews Hindi Mythological Stories Hindi Book Reviews Hindi Thriller Hindi Science-Fiction Hindi Business Hindi Sports Hindi Animals Hindi Astrology Hindi Science Hindi Anything Hindi Crime Stories